Thursday 6 October 2016

तुलसी चाय से हो रही है लाखों की कमाई, आपके पास भी है मौका





यूं तो तुलसी के कई फायदें हैं। घर में देवी समझी जाती है तो आयुर्वेद में इसे कई रोगों के निदान के लिए एक औषधि बताया गया है। इसके इसी गुणों के कारण अब तुलसी लोगों को तरह तरह से लाभ पहुंचा रही है। दवा कंपनियां इससे कई तरह की दवा बना रहें हैं और किसानों से खरीद रहे हैं। लेकिन, लोगों ने जो तुलसी से कर दिखाया वह वाकई एक मिशाल है। किसान तुलसी की चाय बना रहे हैं जिसकी विदेशों मे खासी डिमांड है और करोड़ों में कमाई कर रहे हैं। चमोली के इन किसानों की तरह आप भी तुलसी से कमाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको बहुत ज्‍यादा जमीन की भी जरूरत नहीं है। 

हताश किसानों का सहारा बनी तुलसी-

चमोली जिले में छोटी खेती वाले किसान हैं, जिनके पास बमुश्किल 1 से 2 बीघा खेत होते हैं।
कुछ सालों में इनके खेतों में खड़ी फसल को बंदर आदि जंगली जानवर खराब करने लगे थे।
इससे परेशान किसानों को हिमालयन एक्शन रिसर्च सेंटर हार्क ने कुछ हटकर खेती करने की सलाह दी।
हार्क ने इन किसानों को तुलसी उगाकर उसकी चाय बनाने की सलाह दी और मार्केट भी खुद बताया।

फलेवर नहीं प्योर चाय है यह-

दरअसल, तुलसी को घरों में भी सामान्य चाय के साथ मिलाकर पिया जाता है इसके भी कई लाभ होते हैं।
लेकिन, यह फलेवर मात्र नहीं बल्कि जैसे सामान्य चाय को बनाया जाता है उसी तरह इसे भी बनाया जाता है।
पहले खेतों से इसकी पत्तियां भी इसी प्रकार चुनी जाती हैं जैसे आसाम आदि जगहों पर।
इसके बाद टी मेकिंग प्लांट में इसकी पत्तियों का चूर्ण और कुछ अन्य इन्ग्रिडिएंट मिलाए जाते हैं।
हार्क की मदद से इन दिनों तुलसी की बुरादे वाली चाय के साथ साथ टी-बैग वाली चाय भी बिक रही है।

दो साल में ही फेमस हुई तुलसी चाय-

चमोली के इन किसानों का यह प्रोजेक्ट बहुत पुराना नहीं बल्कि 2 साल पहले ही शुरु हुआ था।
इन दो सालों में ही हार्क की मदद से यह बुलंदियों पर पहुंचने को तैयार हो गया है।
हार्क ने पहले चाय की कुछ मात्रा सिंगापुर में संभावित खरीददारों को भेजी थी।
इसके बाद जब उन्हें चाय की डिमांड मिली तो उन्होंने भी चमोली के किसानों से संपर्क साधना शुरु कर दिया। 

2 करोड़ का एक्सपोर्ट करने का रखा लक्ष्य-

तुलसी चाय बनाने वाले चमोली के लगभग 300 किसान हैं, जिनके पास लगभग 200 बीघा में तुलसी खड़ी है।
अकेले सिंगापुर से ही पिछले साल उन्हें 50 लाख रुपए से ज्यादा का आर्डर मिला था।
इस साल इनका लक्ष्य सिंगापुर को 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की चाय एक्सपोर्ट करने का है।
इसके अलावा अब अरब से भी आॅर्डर आने लगे हैं, यहां भी इन किसानों का लक्ष्य लगभग 1 करोड़ रुपए का ही है। 

देहरादून से लेनी होगी जानकारी-

चाय वाली तुलसी अलग किस्म की तुलसी होती है, इसे सिर्फ पहाड़ों पर ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी उगााया जा सकता है।
देहरादून स्थित हिमालयन एक्शन रिसर्च सेंटर हार्क आपको इसके बारे में सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराएगां।
अगर आप इसमें दिलचस्पी रखते हैं तो थोड़़े से खर्च में ही आप टी इंटरप्योनाॅर बन सकते हैं।
इसके लिए आपको तुलसी की खेती करनी होगी और एक्सपर्ट से सलाह के बाद आप छोटा प्लांट भी लगा सकते हैं। 

देश में भी है बड़ा बाजार-

मौजूदा समय में देश में ही बहुत से लोग हेल्थ कांसियस हैं, तुलसी चाय भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।
दिल्ली, मुंबई और बड़े बड़े शहर हैं जहां इस चाय की अच्छी खासी खपत होती है।
देहरादून पहले से ही अपनी चाय के लिए प्रसिद्ध है, यहां बहुत से व्यापारी हैं जो चाय एक्सपोर्ट भी करते हैं।
ये व्यापारी भी आपकी मदद कर सकते हैं चाय को एक्सपोर्ट करने में। इसके बाद आपकी लगातार कमाई शुरु हो जाएगी।
इन जॉब्‍स के लिए जरूरी नहीं है बड़ी डिग्री, होगी लाखों में कमाई

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